उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा में विधायक डॉ. नीरज बोरा ख्यातिलब्ध राजनेता व समाजसेवी हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ की उत्तरी सीट से लगातार दो बार (2017, 2022) भाजपा प्रत्याशी के रूप में भारी बहुमत से निर्वाचित डा. नीरज बोरा वर्तमान में विधायक होने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश विधानमण्डल की ‘सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम संयुक्त समिति’ के सदस्य, संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई), लखनऊ के शासन द्वारा नामित सदस्य, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के राज्य सलाहकार बोर्ड के सदस्य पद के दायित्व का भी निर्वहन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश विधान सभा में सम्प्रति भाजपा विधानमण्डल दल के सचेतक, सचिव और कोषाध्यक्ष हैं। भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधीन प्रोसेस एण्ड प्रोडक्ट डेवलपमेन्ट सेण्टर, आगरा की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य के रूप में भी सतत योगदान दे रहे हैं। आप पूर्व में उत्तर प्रदेश विधान सभा की ‘स्थानीय निकायों की लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों की जांच संबंधी समिति’ के सदस्य रहे हैं। आपने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन सपा सरकार के कद्दावर मंत्री को तथा वर्ष 2022 के विधान सभा चुनाव में निकटतम प्रतिद्वन्दी सपा को लगभग 40 हजार मतों से पराजित किया।
आप भाजपा के निवर्तमान राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष स्मृति शेष श्री रामदास अग्रवाल जी के सान्निध्य में इण्टरनेशनल वैश्य फेडरेशन (आईवीएफ) के संस्थापक पदाधिकारी रहे। वर्तमान में वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व आईवीएफ-यूपी के प्रदेश अध्यक्ष का दायित्त्व निभा रहे हैं। वैश्य समाज में प्रदेश स्तरीय मजबूत पैठ है तथा पूर्व में आपने उत्तर प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में सम्मेलन-बैठक तथा प्रदेश स्तरीय रथ यात्रा निकालकर ऐतिहासिक वैश्य स्वाभिमान महाकुम्भ का सफल आयोजन किया है। आप इण्डियन मेडिकल एशोसिएशन, लखनऊ के अध्यक्ष तथा लायन्स क्लब इण्टरनेशनल के कौंसिल चेयरमैन के साथ मण्डलाध्यक्ष (2003-04) रह चुके हैं। इसके पूर्व आप उ.प्र. राज्य सेतु निगम के उपाध्यक्ष और निदेशक (राज्यमंत्री स्तर) रहे हैं। वर्ष 2021 के उ.प्र. विधान परिषद चुनाव के दौरान लखनऊ खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा द्वारा नियुक्त प्रभारी के रुप में कार्य किया व पार्टी प्रत्याशी को अभूतपूर्व विजय दिलाने में महती भूमिका निभाई। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ उत्तर क्षेत्र में दो हजार मतों के अन्तर से रनर तथा इसी प्रकार लखनऊ से मेयर चुनाव में भी रनर रह चुके हैं।
डॉ. बोरा के परिवार में समाज सेवा की सुदीर्घ परम्परा रही है। उनके पिता, स्मृति शेष श्री डी. पी. बोरा जी वर्ष 1967 में लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे तथा वर्ष 1969 और 1977 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए तत्कालीन लखनऊ पश्चिम क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होकर समाज के पिछड़े, गरीब, वंचित, शोषित जनों की आवाज़ विधान सभा में बुलन्द की थी। 31 मार्च, 1967 को जन्मे डॉ. नीरज बोरा ने न केवल अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया बल्कि उससे भी आगे बढ़कर, सेवा की परम्परा को ‘मील का पत्थर’ बनाया है।
विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक व साहित्यिक संस्थाओं के संरक्षक, सर्वसुलभ, अतिशय विनम्र व व्यवहारकुशल डा. नीरज बोरा अपनी स्वच्छ छवि, स्थानीय मुद्दों पर निरन्तर संघर्ष, समस्याओं के निदानार्थ समर्पण के लिए जाने जाते हैं।
जन्मतिथि : 31 मार्च 1967, शिक्षा : एम.बी.बी.एस., एम.बी.ए.
डॉ. नीरज बोरा ने उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में रथ यात्रा के माध्यम से समाज के लोगों को जोड़ने का श्लाघनीय कार्य किया तथा एक मजबूत सामाजिक संगठनात्मक संरचना विकसित की है। साथ ही कुरीतियों को मिटाने, नागरिक कर्त्तव्यों के प्रति जनता को जागरुक करने, सामाजिक समरसता बढ़ाने तथा राष्ट्रीय एकता को मजबूती देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
राष्ट्रवादी विचारधारा से अनुप्राणित डा. बोरा, एकात्म मानववाद एवं अंत्योदय की परिकल्पना को साकार रुप देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। संघ प्रार्थना के अंश ’परम्वैभवम् नेतुमेतस्वराष्ट्रम्’ के ध्येय पथ पर सतत अग्रसर हैं।
डॉ. नीरज बोरा, भारतीय जनता पार्टी के समस्त राजनीतिक आंदोलनों और कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। भाजपा सरकार की कल्याणकारी नीतियों को आगे बढ़ाने और पार्टी के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में अहर्निश तत्पर हैं।
डॉ. नीरज बोरा ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा दिये मंत्र ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका प्रयास-सबका विश्वास’ को अपनाया है और इसी के आधार पर समाज के सभी वर्गों के उत्थान हेतु प्रयत्नशील हैं। दिव्यांगजनों के लिए सहायता शिविरों के आयोजन, उन्हें कृत्रिम अंग दिलाने के साथ ही महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से अनेक सिलाई केन्द्र संचालित किये हैं। महिला स्वच्छकारों का सम्मान विशेष उल्लेखनीय है। डॉ. नीरज बोरा ने प्राकृतिक आपदाओं जैसे-बाढ़, अग्निकाण्ड आदि से प्रभावित हुए लोगों के राहत और पुनर्वास में विशेष योगदान दिया है तथा इसके लिए वे समर्पित रहते हैं। समाज के पिछड़े और कमजोर वर्गों की सहायता और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के अभियान भी निरन्तर जारी हैं।
डॉ. नीरज बोरा न केवल एक जनप्रिय राजनेता हैं, बल्कि एक कुशल चिकित्सक भी हैं। वे इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन, लखनऊ के तीन बार अध्यक्ष रहे हैं। स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में उनके नाम कई विशिष्ट उपलब्धियां दर्ज हैं। लगभग पच्चीस हजार से अधिक निःशुल्क नेत्र ऑपरेशन करवाने तथा रक्तदान के लिए लोगों को प्रेरित कर लगभग पाँच हजार यूनिट से अधिक रक्तदान कराने जैसे असाधारण कार्यो के चलते वे आम जनता में लोकप्रिय हैं।
डा. नीरज बोरा के मार्गदर्शन व संरक्षण में संचालित ’सेवा अस्पताल और अनुसंधान केन्द्र’ उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधा एवं रोगियों की बेहतर देखभाल के लिए जाना जाता है। कोरोना महामारी के मुश्किल दौर में डॉ. बोरा, उनका अस्पताल और उनके कर्मनिष्ठ सहयोगियों ने रोगियों की सेवा सुश्रुषा करने से लेकर लोगों को राहत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनके मार्गदर्शन में संचालित ’बोरा इंस्टीट्यूट ऑफ एलाइड हेल्थ साइंसेज, लखनऊ’ नर्सिंग प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित केन्द्र के रूप में अपनी व्यापक पहचान स्थापित कर चुका है। वस्तुतः डॉ. नीरज बोरा के प्रयासों ने स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अपना स्थायी प्रभाव छोड़ा है।
समाज सेवा के रास्ते राजनीति में पदार्पण करने वाले डा. नीरज बोरा विभिन्न सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और खेल संस्थाओं से जुड़े रहे हैं। लायंस क्लब इंटरनेशनल बोर्ड 321-बी-1 के अध्यक्ष, लायंस क्लब मल्टीपल-321 के काउंसिल चेयरपर्सन रहे। उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के उपाध्यक्ष (उ0प्र0सरकार में राज्यमंत्री स्तर) के रूप में सेवायें दीं और राज्य में अनेक सेतु निर्मित कराने में योगदान दिया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने विभिन्न संगठनों में महत्वपूर्ण पदों को संभाला है तथा संरक्षक के रुप में अब भी योगदान दे रहे हैं।
डॉ. नीरज बोरा विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संस्थानों के सक्रिय सदस्य हैं तथा विभिन्न ट्रस्टों से भी जुड़े हुए हैं। इसके पूर्व, उन्होंने “वैश्य स्वाभिमान” नामक समाचारपत्र का भी लम्बे समय तक सम्पादन किया है। वे जनता से सीधा संवाद और उनसे संपर्क बनाए रखने में विश्वास रखते हैं। वर्तमान में, ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सऐप्प, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से जनता से सीधे सम्पर्क में बने हुए हैं।